Wish you very Happy Birthday Gulzar Saab on your 86th Birthday. Sampooran Singh Kalra (born 18 August 1934), known professionally as Gulzar, is an Indian lyricist, poet, author, screenwriter, and film director. He started his career with music director S.D. Burman as a lyricist in the 1963 film Bandini and worked with many music directors including R. D. Burman, Salil Chowdhury, Vishal Bhardwaj and A. R. Rahman. He was awarded Padma Bhushan in 2004, the third-highest civilian award in India, the Sahitya Akademi Award and the Dadasaheb Phalke Award — the highest award in Indian cinema. He has won several Indian National Film Awards, 21 Filmfare Awards, one Academy Award and one Grammy Award.
Gulzar Saab Quotes, Shayari & Poem
फ़र्क था हम दोनों की मोहब्बत में,
मुझे उससे ही थी
उसे मुझसे भी थी – गुलज़ार साहब
शायर बनना बहुत आसान हैं
बस एक अधूरी मोहब्बत की मुकम्मल डिग्री चाहिए। – Gulzar Sahab
थोडा सा रफू करके देखिए ना,
फिर से नई सी लगेगी जिंदगी ही तो है. – Gulzar Sahab
“सुना था मोहब्बत मिलती है, मोहब्बत के बदले..! मगर हमारी बारी आइ, तो रिवाज़ ही बदल गया….!! ” – Gulzar Sahab
मैं हर रात सारी ख्वाहिशों को खुद से पहले सुला देता,
हूँ मगर रोज़ सुबह ये मुझसे पहले जाग जाती है। – गुलज़ार साहब
कोई होता जिसको अपना
हम अपना कह लेते यारों
पास नहीं तो दूर ही होता
लेकिन कोई मेरा अपना
आखों में नींद ना होती
आँसू ही तैरते रहते
ख्वाबों में जागते हम रात भर
कोई तो गम अपनाता
कोई तो साथी होता – गुलज़ार साहब

इतना क्यों सिखाये जा रही हो जिंदगी
हमें कौन सी सदिया गुज़ारनी है यहाँ – गुलज़ार साहब

वो सारा इल्म तो मिलता रहेगा आइंदा भी मगर वो जो किताबों में मिला करते थे सूखे फूल और महके हुए रुकए किताबें माँगने गिरने उठाने के बहाने रिश्ते बनते थे उन का क्या होगा वो शायद अब नहीं होंगे! – गुलज़ार साहब






सब को मालूम है बाहर की हवा है क़ातिल
यूँ क़ातिल से उलझने की ज़रूरत क्या है – गुलज़ार साहब


तू कितनी भी ख़ूबसूरत
क्यूँ ना हो ऐ ज़िन्दगी
खुशमिज़ाज़ दोस्तों के बग़ैर
अच्छी नही लगती ! – गुलज़ार साहब

कभी ज़िन्दगी
एक पल में गुजर जाती है
कभी ज़िन्दगी का
एक पल नहीं गुजरता – गुलज़ार साहब

परेशा है इस बात पर वो
की उन्हें कोई समझ नहीं पाया।
जरा सोच के देखो
तुमने कितनो को समझ लिया – गुलज़ार साहब

वक़्त का ख़ास होना
जरुरी नहीं है
खास के लिए
वक़्त होना जरुरी है। – गुलज़ार साहब

Aane wale pal, Jaane wala hai.
Ho Sakte Toh isme
zindagi bita do, pal jo
yeh jaane wala hai.
Gulzar
